रविवार, 31 मई 2009

कानपुर में रासुका के मायने..............
अब भाई कानपुर में तो वो नही चलने वाला जो बाकी जगहों पर जारी है। क्यूंकि अब लड़की छेड़ने का मतलब है आप पर भी वही आरोप धारा लगेंगे जो वरूण गाँधी पर पीलीभीत में ....छेड़ने परे लगे थे। मतलब साफ है यदि वरूण जी से पूछो तो वो कहेंगे की लड़की छेड़ना कानपुर में या ...... छेड़ना पीलीभीत में बात बराबर है। अब बात ऐसी है की रासुका क्या है? ये समझने में देरी होगी तो बढ़िया है की जो कानून जिनके कारण चर्चा में हो उसे उसी से जोड़ कर देखो। लेकिन कुछ समझा भी करो, हद किसी भी चीज़ की ठीक नही होती है, अति होने पर कहीं भी रासुका संभव है..............

2 टिप्‍पणियां:

prashant jha ने कहा…

lekani me dam hai lakin mera sujhao mane to aapni baat ko saaph saaph likhe jayda ghumane ki jarurat nahi hai....

singh jay ने कहा…

it's really nice comments on RASUKA ............here i would like to mention one thing, against politicians....becoz it's really shameless decission which one is taken by goverment............