शुक्रवार, 22 मई 2009

आम आदमी का ख़त भाजपा के नाम...
भाजपा के कर्णधार महोदय, सादर वंदे।
अब जबकी १५वी लोकसभा के चुनाव परिणाम आ गए हैं, आज आपके विरोधी दल के नेता प्रधान मंत्री की दूसरी पारी शुरू करने जा रहे हैं , ऐसे में मैं आपके लिए एवं देश के उस राष्ट्रवादी धड़े के लिए कुछ नादान सवाल वाला पत्र लिख रहा हूँ ,जिस पर एक सुचिता पूर्ण राजनीति की आश लेकर जनता आज भी भरोसा करती है।:-
हमसब(देश की जनता) अब यह जान चुके हैं की राम की जय, वाम का भय, दिखा कर अवाम को संशय में नही रखा जा सकता।
# आज जबकी २१वी सदी के विकसित भारत की चर्चा हो रही है ,फिरभी भारतीय जनता पार्टी, इंडियन पब्लिक की पार्टी क्यूँ बनी हुई है?
गाँव की चर्चा बस घोषणा पत्र भर में ही क्यूँ है?
#आज भी राम रोटी के चक्कर में अवाम कहीं नही है क्यूँ?
#राष्ट्र सर्वोपरि है, एवं व्यक्ति से बड़ा दल , दल से बड़ा राष्ट्र का सिधांत आपका है फिरभी ऐसी क्या बात आगई की व्यक्ति को अच्छा दिखाने के चक्कर में राष्ट्र पीछे छूट गया?(ज्ञात हो की इसबार के प्रचार में मजबूत नेता -निर्णायक सरकार के सामने सारे मुद्दे फीके दिखे)।
# ठीक है की आडवानी जी काफी अनुभवी व्यक्ति हैं , लेकिन उनके अनुभव के आगे उनकी छवि को कोई क्यूँ स्वीकार करे?
# आपको सत्ता पाना था तो इतनी व्यग्रता आपके अंदर क्यूँ दिखी? याचक शालीन होता है कि उत्तेजित?
# लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से खटास-मिठास की खबरे आने के बाद भी आज भाजपा न संघ के गोद में है न संघ से बहार ऐसा क्यूँ? एक स्पष्ट अवधारणा क्यूँ नही?
# भाजपा संघ के बिना नही रह सकती या संघ को राजनीतिक
प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है,जहाँ केवल स्वयमसेवक ही भरे रहें?
#क्या वजह है की आज भी कथित धर्मनिरपेक्ष दल आपके साथ आने से कतराते हैं?
#गठबंधन राजनीति को सफल बनाने वाली भाजपा आज किस गलती की सजा भुगत रही है?
भारतीय जनता पार्टी को किसी भी आत्म चिंतन या मंथन के बजाये आज आत्म सुधार हेतु कार्य करने कि जरूरत है।

आपका आम आदमी........

8 टिप्‍पणियां:

Mahendra ने कहा…

bhut badiya ye letter present indian political situation ko dikha raha h, indian politics me ye jo uthal phutal ho rahe h vo bhart ki politics k liye aacha sanket nahi h

निर्मला कपिला ने कहा…

pehali bar apka blog dekha bahut hi achha laga ye sval sach me aj har nagrik ke hai jinhen badi bakhoobi se likha hai badhai aur abhar
www.veerbahuti.blogspot.com

बेनामी ने कहा…

BJP jaise bekar party agar desh sambhale to kya ho sakta hai yeh ham uske shasankal mein dekh chuke hain, mahgai, arakshan ka virodh, sarkari companies ka privatization. aur to aur ghooskhori aur panditvaad se aage kuchh nahi dekhte... ye saale...desh ko baatate hain saale...

रंजन ने कहा…

आम आदमी का ठेका काग्रेंस के पास है कृप्या अपना पत्र १० जनपथ भेजें..

Batangad ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
Batangad ने कहा…
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उपाध्यायजी(Upadhyayjee) ने कहा…

आपका सवाल देख कर लग रहा है की आप टीवी बहुत ज्यादा देखते हैं. टीवी देख कर बहुत सारे निष्कर्ष निकाल लिए हैं. टीवी पर वही आता है जो टीवी वाले दिखाना चाहें. आडवानी १ घंटा का स्पीच देते हैं और उसमे से एक लाइन मीडिया वाले निकाल कर उसको बोल्ड में बोल्ड में लिख कर और चिल्ला चिल्ला कर आपके भेजा में भर देते हैं. और आप उठे १५ गो सवाल कर दिए. क्या ये सब मुद्दे कांग्रेस ने नहीं उठाए? क्या भाजपा शाशित प्रदेशो में आप देखे हैं की ग्रामीण स्टार पर विकास हुआ है की नहीं?

Gyanendra Mishra ने कहा…

bahut badhiyan kya baat kahi hai.apke saval bhi achche hai par ye saval sabhi partiyon par lagu hote hai fark itna hai ki bjp par kuch jyada hi lagu hote hai.